विवरण: निकिता, हमारी आज्ञाकारी दासी, वापस कालकोठरी में आ गई है, बंधी हुई है और गैग की गई है। उसकी रखैल, प्रभावशाली सुंदरता ने उसे एक दर्दनाक लंड के पिंजरे में बंद कर दिया है। जब वह उसकी पीड़ा में झलकती है तो वह उसे चिढ़ाती और तड़पाती है, उसकी सीमाओं को पार करती है।